Monday 28 August 2017

भारत के प्रमुख गवर्नर जनरल तथा वायसराय

भारत के प्रमुख गवर्नर जनरल तथा वायसराय ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 1757 ई. से 1772 ई. तक बंगाल में 4 गवर्नरों की नियुक्ति की. 1773 ई. के रेगुलेटिंग एक्ट के तहत बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल बना दिया गया तथा मद्रास और बम्बई के गवर्नरों को उसके अधीन कर दिया गया बंगाल.
भारत के प्रमुख गवर्नर जनरल तथा वायसराय
ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 1757 ई. से 1772 ई. तक बंगाल में 4 गवर्नरों की नियुक्ति की.
1773 ई. के रेगुलेटिंग एक्ट के तहत बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल बना दिया गया तथा मद्रास और बम्बई के गवर्नरों को उसके अधीन कर दिया गया.
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल
1774 ई. में बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल बनने का सौभाग्य वारेंग हेग्स्टिंग को प्राप्त हुआ.
भारत में 1833 ई. में चार्टर एक्ट के प्रावधानों के अनकूल बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बनाया गया.
भारत का प्रथम गवर्नर
भारत का प्रथम गवर्नर बनने का सौभाग्य लार्ड विलियम वेंटिक को प्राप्त हुआ.
अधिनियम 1858के द्वारा गवर्नर जनरल को वायसराय की उपाधि दी गई तत्पश्चात ये पद इसी नाम से पुकारा जाने लगा.
भारत का प्रथम वायसराय
भारत का प्रथम वायसराय बनने का सौभाग्य लार्ड केने को प्राप्त हुआ ये पराधीन भारत का अंतिम गवर्नर जनरल था.
कम्पनी ने 1772 ई. तक क्लाइव, परिलर्स, कर्टियर और वांरेंग हेंगिस्टिंग की नियुक्ति गवर्नर के तौर पर की लेकिन इनमें क्लाइव और वारेंग हेग्स्टिंग की ही प्रमुख थे.
राबर्ट क्लाइव
राबर्ट क्लाइव बंगाल का पहला गवर्नर था ये 1757 से 1760 तक तथा फिर 1765 से 1766 तक बंगाल का गवर्नर रहा.
1765 ई. में अवध के नबाब शिजाउदौला एवं शाह आलम के साथ इलाहबाद की संधि की.
मुगल बादशाह शाह आलम ने बंगाल, बिहार व उडीसा की दीवानी का अधिकार 1765 में कम्पनी को दिया.
1765 ई. में बंगाल में द्वैत शासन का प्रारम्भ किया.
1766 ई. में उसने घोषणा की कि दोहरी सत्ता उन सेना अधिकारियों को दी जायेगी जो बंगाल और बिहार सीमा क्षेत्र के बाहर सेवा दे रहे है.
हालवेल का शासन1760 पेंटेटार्ट का शासन1760 से1765 तक रहा.
1764 का बक्सर का युध्द इसी गवर्नर जनरल के शासन काल में लडा गया.

Thursday 17 August 2017

विश्व 1919 से 1939 तक पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रश्न और उत्तर


यहाँ पर विश्व 1919 से 1939 तक पर आधारित सामान्य ज्ञान के महत्वपूर्ण वस्तुनिठ प्रश्न और उत्तर दिए गए है, आप विश्व इतिहास 1919 से 1939 तक से जुड़े इन प्रश्न और उत्तर को स्मरण करके अपने सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकते है।
प्रश्न: बुडरो विल्सन ने अपना शान्ति प्रस्ताव कब पेश किया?
उत्तर: 8 जनवरी,1918 ई०
प्रश्न: विश्व में महामंदी कब आयी?
उत्तर: 1929
प्रश्न: दूसरा विश्व युद्ध कब शुरू हुआ?
उत्तर: 1939
प्रश्न: अमेरिका में लगभग 35000 हड़ताले कब शुरू हुई?
उत्तर: 1919
प्रश्न: संयुक्त राज्य अमेरिका में 50 लाख कारे कब बनी?
उत्तर: 1929
प्रश्न: हरबर्ट हूवर अमेरिका के राष्ट्रपति कब बने?
उत्तर: 1929
प्रश्न: फ्रैंकलिन डी0 रूजवेल्ट राष्ट्रपति कब चुनें गए?
उत्तर: 1933
प्रश्न: रूस को सोवियत संघात्मक गणतंत्र कब घोषित किया गया?
उत्तर: 1918
प्रश्न: रूस में गृह युद्ध और विदेश हस्ताक्षेप का अंत कब हुआ?
उत्तर: 1920
प्रश्न: रूस में ‘युद्ध साम्यवाद’ नामक आर्थिक नीति कब अपनाई गयी?
उत्तर: 1921
प्रश्न: सोवियत संघ में नए संविधान की घोषणा कब की गयी?
उत्तर: 1924
प्रश्न: सोवियत समाजवादी गणराज्यो के संघ का दूसरा संविधान कब घोषित किया गया?
उत्तर: 1936




प्रश्न: लेनिन की मृत्यु कब हुई?
उत्तर: 1924
प्रश्न: स्तालिन सोवियत के प्रमुख नेता कब बने?
उत्तर: 1927
प्रश्न: त्रात्स्की को कब निर्वासित किया गया?
उत्तर: 1929
प्रश्न: मैक्सिको में त्रात्स्की की हत्या कब कर दी गयी?
उत्तर: 1940
प्रश्न: स्तालिन की मृत्यु कब हुई?
उत्तर: 1953
प्रश्न: लेनिनग्राद में कम्युनिस्ट नेता किरोव की हत्या कब कर दी गयी?
उत्तर: 1934 ई०
प्रश्न: सोवियत संघ लीग ऑफ नेशन का सदस्य कब बना?
उत्तर: 1934
प्रश्न: तीसरे अन्तर्राष्ट्रीय (कोमिन्टर्न) की स्थापना कब हुई?
उत्तर: 1919
प्रश्न: कोमिन्टर्न की सातंवी बैठक कब हुई?
उत्तर: 1935
प्रश्न: जापान और जर्मनी ने कोमिन्टर्न ने विरोधी सन्धि पर हस्ताक्षर कब किये?
उत्तर: 1936
प्रश्न: दूसरे विश्व युद्ध से पूर्व जापान ने चीन पर प्रबल आक्रमण कब किया?
उत्तर: 1937
प्रश्न: चावल की ऊँची दर के कारण जापान में कब बहुत खलबली मची हुई थी?
उत्तर: 1919
प्रश्न: जापान में पुरुष नागरिकों को मतदान का अधिकार कब दिया गया?
उत्तर: 1924
प्रश्न: जापान में खतरनाक विचारों के दमन के लिए (शान्ति संरक्षण कानून) कब पारित किया गया?
उत्तर: 1925
प्रश्न: सम्राट हिरोहितो जापान के सिंघासन के उत्तराधिकार कब बने?
उत्तर: 1926

Important Links-

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास, महत्व एवं मुख्य अतिथियों की सूची

*भारतीय नदी(INDIAN RIVERS)*

प्रश्न: शांतगु जापान को दिए जाने के विरुद्ध बीजिंग विश्वविद्यालय के छात्रों ने कब विरोध प्रदर्शन किया?
उत्तर: 4 मई,1919
प्रश्न: चीन में कोमिनतांग और कम्युनिस्ट पार्टी एक दूसरे के निकट कब आये?
उत्तर: 1924
प्रश्न: सन-यात-सेन का देहान्त कब हुआ?
उत्तर: मार्च,1925
प्रश्न: नानकिंग में राष्ट्रीय क्रान्तिकारी सेना पर संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के युद्ध पोतो ने कब गोलीबारी की?
उत्तर: मार्च,1927
प्रश्न: एक विशाल सेना की सहायता से च्यांग-काई-शेक ने दक्षिण चीन के साम्यवादी प्रभाव क्षेत्रो पर कब आक्रमण किया?
उत्तर: 1934
प्रश्न: च्यांग-काई-शेक के सैनिको ने उसे कब बन्दी बना लिया?
उत्तर: 1936
प्रश्न: कोरिया के राष्ट्रवादियों ने स्वतंत्रता के घोषणा पत्र का प्रारूप कब तैयार किया?
उत्तर: 1918
प्रश्न: फिलीपीन्स को (संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा) स्वायत्ता कब दी गयी?
उत्तर: 1935
प्रश्न: हो ची मिन्ह ने वियतनामी युवा क्रांतिकारियों का संघ कब बनाया?
उत्तर: 1925
प्रश्न: वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी का गठन कब हुआ?
उत्तर: 1930
प्रश्न: इण्डोनेशिया की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना कब की गयी?
उत्तर: 1920
प्रश्न: अहमद सुकर्णो के नेतृत्व में इण्डोनेशिया ने नेशलिस्ट पार्टी की स्थापना कब हुई?
उत्तर: 1927
प्रश्न: जरनल असोसियेशन ऑफ बर्मीज कौंसल की स्थापना कब हुई?
उत्तर: 1921
प्रश्न: बर्मा (मनमार) में थाक्रिन्स (अपने देश के स्वामी) नामक युवा संगठन की स्थापना कब हुई?
उत्तर: 1930 के दशक में
प्रश्न: नए संविधान के तहत श्रीलंका में पहले विश्व युद्ध के बाद प्रौढ़ मताधिकार प्रणाली कब लागू की गयी?
उत्तर: 1931

प्रश्न: अफ़ग़ानिस्तान के अमीर अमानुल्ला को हटाकर मोहम्मद नादिर शाह अमीर कब बना?
उत्तर: 1929
प्रश्न: ब्रिटिश सरकार ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद ईरान की सेना तथा अर्थवयवस्था पर नियन्त्रण के उद्देश्य से कब एक सन्धि पर हस्ताक्षर किये?
उत्तर: 1919
प्रश्न: ईरान की ब्रिटिश समर्थक सरकार को रजा खां ने कब गिरा दिया?
उत्तर: 1921
प्रश्न: रजा खां ईरान का शाह कब बना?
उत्तर: 1925
प्रश्न: सीरिया के भूतपूर्व शासक फैजल को अंग्रेज़ ने ईराक का शासक कब बनाया?
उत्तर: 1921
प्रश्न: ईराक को पूर्व स्वतन्त्रता कब प्राप्त हुई?
उत्तर: 1930
प्रश्न: ईराक की नेशनल रिफार्म पार्टी ने ब्रिटेन समर्थक इराकी सरकार का तख्त कब पलट दिया?
उत्तर: 1937
प्रश्न: ब्रिटिश लोगों ने अब्दुल्ला को ट्रांस जोडर्न का शासक कब बना?
उत्तर: 1928
प्रश्न: अरबो ने फिलस्तीन की मुक्ति के लिए कब विरोध किया?
उत्तर: 1929
प्रश्न: ब्रिटिश रॉयल कमीशन ने फिलिस्तीन को तीन राज्यो में बाँटने की सिफारिश कब की गयी?
उत्तर: 1937
प्रश्न: फ़्रांसिसी शासन के विरुद्ध सीरिया में विद्रोह कब हुआ?
उत्तर: 1925
प्रश्न: फ़्रांस की सरकार (पापुलर फ्रंट) ने सीरिया के प्रतिनिधियों से समझौता करके उन्हें तीन वर्ष बाद स्वतंत्रता देने का वायदा किया?
उत्तर: 1936
प्रश्न: मिस्र में वफ्द संगठन कब स्थापित हुआ?
उत्तर: 1918
प्रश्न: फौद मिस्र का शासक कब बना?
उत्तर: 1922

Also Read-प्रमुख स्थानीय पवनें, प्रकृति एवं उनके स्थान की सूचीl

प्रश्न: अब्दुल करीम के नेतृत्व में मोरक्को में विद्रोह कब हुआ?
उत्तर: 1921
प्रश्न: मोरक्को के मजदूरों ने फ़्रांसिसी नीति के विरुद्ध कब हड़ताल और प्रदर्शन किये?
उत्तर: 12 अक्टूबर,1925
प्रश्न: दु बोई ने पैन अफ्रीकन कॉग्रेस की स्थापना कब की?
उत्तर: 1919
प्रश्न: यूनिवर्सल नीग्रो इम्प्रूवमेंट असोसिएशन की स्थापना कब हुई?
उत्तर: 1914
प्रश्न: अफ़्रीकी राष्ट्रवादियों की ब्रुसेल्स में एक अंतरराष्ट्रीय कॉंग्रेस कब हुई?
उत्तर: 1927
प्रश्न: अफ़्रीकी राष्ट्रीय कॉंग्रेस की स्थापना कब हुई?
उत्तर: 1912
प्रश्न: संयुक्त राज्य अमेरिका ने निकारागुआ से अपनी सेना कब वापस बुला ली?
उत्तर: 1933
प्रश्न: स्वतन्त्र आयरिश राज्य की स्थापन कब हुई?
उत्तर: 1922
प्रश्न: जरनल मिगनेल प्राइम द रिवेरा ने स्पेन में सैनिक तानाशाही की स्थापना कब की?
उत्तर: 1923
प्रश्न: स्पेन गणतंत्रात्मक राज्य कब बना?
उत्तर: 1931
प्रश्न: चैकोस्लोवाकिया ने लोकतान्त्रिक संविधान कब स्वीकार किया?
उत्तर: 1919
Also Read-राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों की सूची (1991 से 2017 तक)
प्रश्न: कम्युनिस्ट पार्टी ने जर्मनी में क्रान्ति करने का प्रयास कब किया?
उत्तर: 1923
प्रश्न: जर्मनी में नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी (नाजी पार्टी) की स्थापना कब हुई?
उत्तर: 1919
प्रश्न: मुसोलिनी के नेतृत्व में इटली में नेशनल फासिस्ट पार्टी का गठन कब हुआ?
उत्तर: 1921
प्रश्न: जर्मनी में पहली मजदूर दल की सरकार कब बनी?
उत्तर: 1924
प्रश्न: फ्रांस ने सोवियत संघ से आपसी मदद के समझौते पर कब हस्ताक्षर किये?
उत्तर: 1935
प्रश्न: राष्ट्रपति हिंडनबर्ग ने हिटलर को जर्मनी का चांसलर कब बनाया?
उत्तर: 30 जनवरी, 1933
प्रश्न: हिटलर जर्मनी का राष्ट्रपति कब बना?
उत्तर: 1934
प्रश्न: जर्मनी ने राष्ट्र संघ की सदस्यता कब त्याग दी?
उत्तर: 1933
प्रश्न: जर्मन सेनाओं ने राइन पर अधिकार कब कर लिया?
उत्तर: 1936
प्रश्न: जर्मन ने राष्ट्र संघ की सदस्यता कब ग्रहण की?
उत्तर: 1926
प्रश्न: इथयोपिया पर इटली ने कब आक्रमण किया?
उत्तर: 1935
प्रश्न: इटली और जर्मन में राजनैतिक सहयोग (रोम-बर्लिन धुरी) पर कब हस्ताक्षर हुए?
उत्तर: 1936
प्रश्न: जापान ने ‘ पूर्वी एशिया की नई व्यवस्था ‘ की घोषणा कब की?
उत्तर: 1938
प्रश्न: ऑस्ट्रिया में एंगेल्बर्ट डोल्फ्यूस की हत्या कब कर दी गयी?
उत्तर: 1934
प्रश्न: जर्मनी ने ऑस्ट्रिया पर अधिकार कब कर लिया?
उत्तर: 1938
प्रश्न: ब्रिटेन, फ्रांस,जर्मनी और इटली ने म्युनिख समझौता कब कर लिया?
उत्तर: 1938
प्रश्न: जर्मनी ने चैकोस्लोवाकिया पर कब अधिकार कर लिया?
उत्तर: 1939
प्रश्न: सोवियत संघ और जर्मनी ने अनाक्रमण सन्धि पर कब हस्ताक्षर किये?
उत्तर: 23 अगस्त,1939
प्रश्न: दूसरा विश्व युद्ध शुरू कब हुआ?
उत्तर: 1 सितंबर 1939


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बैंकिंग अवेरनेस से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

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● भारत में सबसे पहले किस बैंक की स्थापना की गई— बैंक ऑफ हिंदुस्तान
● बैंक ऑफ हिंदुस्तान की स्थापना कब की गई— 1770
● बैंक ऑफ बंगाल की स्थापना कब की गई— 1806
● बैंक ऑफ बांबे की स्थापना कब की गई— 1840
● बैंक ऑफ मद्रास की स्थापना कब की गई— 1843
● बैंक ऑफ मद्रास, बैंक ऑफ बांबे व बैंक ऑफ बंगाल को आपस में विलय करके किस बैंक की स्थापना की गई— इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया
● इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना कब की गई— 1921
● इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण कब किया गया— 1955
● इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को नया नाम क्या दिया गया— भारतीय स्टेट बैंक
● इलाहाबाद बैंक की स्थापना कब की गई— 1865

Important Links -

1. राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों की सूची (1991 से 2017 तक)

2. विश्व 1919 से 1939 तक पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रश्न और''''''@@

3. जैन धर्म का इतिहास


● भारतीयों द्वारा संचालित पहला बैंक कौन-सा था— अवध कॉमर्शियल बैंक
● अवध कॉमर्शियल बैंक की स्थापना कब की गई थी— 1881
● पूर्णरूपेण भारतीयों का पहला बैंक कौन-सा था— पंजाब नेशनल बैंक
● भारतीय रिजर्व बैंक ने कार्य करना कब शुरू किया— 1 अप्रैल, 1935
● भारतीय बैंकिंग अधिनियम पारित कब किया गया— 1949
● 6 बड़े व्यावसायिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण कब किया गया— 1980
● भारतीय रिजर्व बैंक की दूसरी अनुसूची में सम्मिलित बैंकों को क्या कहते हैं— अनुसूचित बैंक
● किस समिति की रिपोर्ट के आधार पर निजी क्षेत्र में बैंक स्थापित करने की अनुमति प्रदान कर दी गई— नरसिंहमन समिति
● देश का पहला तैरता ए. टी. एम. कहाँ स्थापित किया गया है— कोच्चि
● बैंकों के ग्राहकों की शिकायतों का निदान कराने के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना कब लागू की गई— 14 जून, 1995
● भारतीय रिजर्व बैंक ने कब तक पाकिस्तान के लिए भी केंद्रीय बैंक के रूप में कार्य किया— 30 जून, 1948
● भारतीय रिजर्व बैंक में एक गवर्नर के अलावा कितने डिप्टी गवर्नर होते हैं— चार
● रिजर्व बैंक अधिकतम् किस मूल्यवर्ग तक के बैंक नोट जारी कर सकता है— 10,000 रूपए
● रिजर्व बैंक अधिकतम् किस मूल्यवर्ग तक के सिक्के जारी कर सकता है— 1,000 रुपए
● रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (प्रा.) लि. की स्थापना कब की गई— 3 फरवरी, 1995
● उस दर को क्या कहते हैं जिस पर केंद्रीय बैंक प्रथम श्रेणी तथा अनुमोदित हुंडियों का जमानत के आधार पर देश में वाणिज्यिक बैंकों को ऋण प्रदान करता है— बैंक दर

Also Read-
स्टीव जॉब्स की प्रेरणादायी जीवनी


राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों की सूची (1991 से 2017 तक)





राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार:
राजीव गाँधी खेल रत्न भारत का खेल जगत में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। इस सम्मान का नाम पूर्व प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी के नाम पर रखा गया। यह सम्मान 1991-92 में शुरू किया गया। खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता के लिए इस सम्मान की स्थापना की गयी थी। इसका उद्देश्य खिलाड़ियों को सम्मानित कर उनकी प्रतिष्ठा बढ़ाना है ताकि वे समाज में अधिक सम्मान प्राप्त कर सकें।
पुरस्कार राशि:
इस सम्मान में एक पदक, सम्मान सहित एक प्रमाण पत्र और नक़द इनाम मिलता है। सन् 2004-05 तक, नक़द रुपयों की संख्या 5,00,000/- थी। अब यह संख्या 5,00,000 से बढ़ाकर 7,50,000 कर दी गयी है। राजीव गांधी खेल रत्न खिलाड़ी को प्रतिवर्ष दिया जाता है जिसमें उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन के लिए व्यक्ति या दल को सम्मानित किया जाता है। भारत सरकार द्वारा सम्मानित व्यक्तियों को रेलवे की मुफ्त पास सुविधा प्रदान की जाती है जिसके तहत राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार विजेता राजधानी या शताब्दी गाड़ियों में प्रथम और द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित कोचों में फ्री यात्रा कर सकते हैं। भारत का राजीव गांधी खेल रत्न खेल में उपलब्धि के लिए मिलना सम्मान की बात है।
राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त
खिलाड़ियों की सूची:

वर्ष पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ी का नाम
1991-92 विश्वनाथन आनन्द
1992-93 गीत सेठी
1993-94 होमी मोतीवाला (संयुक्त
1993-94 पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग (संयुक्त)
1994-95 कर्णम मल्लेश्वरी
1995-96 कुंजारानी देवी (संयुक्त)
1996-97 लिएंडर पेस (संयुक्त)
1997-98 सचिन तेंदुलकर
1998-99 ज्योतिर्मय सिकदार
1999-2000 धनराज पिल्लै
2000-01 पुलेला गोपीचंद
2001 अभिनव बिंद्रा
2002 अंजली वेद पाठक (संयुक्त)
2002 के.एम. बीनामोल (संयुक्त)
2003 अंजू बॉबी जॉर्ज
2004 राज्यवर्धन सिंह राठौर

Some Important Links




2005 पंकज आडवाणी
2006 मानवजीत सिंह संधू
2007 महेन्द्र सिंह धोनी
2009 मैरी कॉम (संयुक्त)
2009 विजेन्द्र कुमार सिंह (संयुक्त)
2009 सुशील कुमार (संयुक्त
2010 साइना नेहवाल
2011 गगन नारंग
2012 विजय कुमार
2012 योगेश्वर दत्त
2013 रोंजन सोढ़ी
2015 सानिया मिर्जा
2016 पी.वी. सिंधु
2016 दीपा करमाकर
2016 जीतू राय
2016 साक्षी मलिक
महत्वपूर्ण नोट:
वर्ष 2008 में राजीव गाँधी खेल रत्न किसी को नहीं दिया गया।
वर्ष 2014 में राजीव गाँधी खेल रत्न किसी को नहीं दिया गया।

Important History Question Part- III





1. स्वदेशी आंदोलन का नेतृत्व
दिल्ली में किसने किया था।
- सैयद हैदर रजा ने
2. किस राज्य ने संस्कृत को राज्य
की द्वितीय
राजभाषा का दर्जा दिया है।
- उत्तराखंड
3. केंद्रीय बजट 2011-12 के अनुसार
2011-12 के लिए जीडीपी के प्रतिशत
के रूप में कितने राजकोषीय घाटे
का अनुमान लगाया गया है।
- 4.6 प्रतिशत
4. भारत में अति सघन
वनों का सर्वाधिक क्षेत्र किस राज्य
में पाया जाता है।
- अरुणाचल प्रदेश
5. चंदन के पेड़
को क्या माना जाता है।
- आंशिक मूल परजीवी
6. ए सूटेबल ब्वॉय पुस्तक के लेखक कौन
है।
- विक्रम सेठ
7. बुला चौधरी किस खेल से संबंधित
है।
- तैराकी 


8. भारतीय संसद के कामकाज में
प्रश्नकाल और अगली कार्यसूची के
बीच का समय क्या कहलाता है।
- शून्यकाल
9. भारत की राष्ट्रीय आय में किस
क्षेत्र का योगदान सर्वाधिक है।
- सेवा क्षेत्र
10. किसने बंगाल विभाग (1905) के
विरोध में आंदोलन का नेतृत्व किया।
- सुरेंद्रनाथ बनर्जी
11. महात्मा गांधी राष्ट्रीय
ग्रामीण रोजगार
गारंटी योजना (MNREGA: Mahatma
Gandhi National Rural Employment
Guarantee Act, मनरेगा) का ब्रांड
अंबेसडर किसे नियुक्त किया गया है ?
Ans:- सुशील कुमार को (Note:- कौन
बनेगा करोड़पति में पांच करोड़ जीतने
वाले सुशील कुमार प्रथम व्यक्ति हैं )
12. 'रिवोल्यूशन 2020' पुस्तक के लेखक
है ?
Ans:- चेतन भगत
13. हाल ही में विश्व बैंक का अध्यक्ष
चुना गया है ?
Ans:- जिम योंग किम को (कोरियाई
मूल के अमेरिकी)
14. विश्व बैंक का मुख्यालय
कहाँ स्थित है ?
Ans:- वाशिंगटन में
15. पुलित्ज़र पुरस्कार किस क्षेत्र में
दिया जाता है ?
Ans:- पत्रकारिता और कला के क्षेत्र
में

Also Read -





16. सार्वजनिक सेवा के लिए वर्ष
2012 का पुलित्जर पुरस्कार किसे
प्रदान किया गया है ?
Ans:- फिलाडेल्फिया इन्क्वायरर को
17. राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं
संस्कृति अकादमी, बीकानेर के
अध्यक्ष कौन है ?
Ans:- श्याम महर्षि
18. राष्ट्रमंडल समूह के महासचिव कौन
है, राष्ट्रमंडल के सदस्य
देशों की संख्या कितनी है ?
Ans:- कमलेश शर्मा (भारतीय ),
सदस्यों की संख्या 54 हैं.
19. लगातार आठ बार मोंटे
कार्लो मास्टर्स टूर्नामेंट जीतने वाले
पहले खिलाड़ी कौन है ?
Ans:- राफेल नडाल (स्पेन )
20. प्रथम विश्व टेस्ट क्रिकेट
चैंपियनशिप का आयोजन कब
किया जायेगा ?
Ans:- वर्ष 2017
21. दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन
(डीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक कौन
है ?
Ans:- मंगू सिंह (इन्होंने मेट्रोमैन ई
श्रीधरन का स्थान लिया है )
22. 84वें ऑस्कर पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ
फिल्म चुनी गई है ?
Ans:- द आर्टिस्ट (मूक फिल्म)
23. फरवरी-मार्च 2012 में भारत के
किन राज्यों में विधान सभा चुनाव
संपन्न हुए है ?
Ans:- 5 राज्यों (उत्तरप्रदेश,
उत्तराखंड, गोवा, पंजाब व मणिपुर में )
24. वर्ल्ड सीरिज हॉकी-2012
का पहला खिताब किसने जीता है ?
Ans:- शेर-ऐ- पंजाब ने
25. भारत का अब तक का सबसे
भारी उपग्रह, जिसका हाल ही में
प्रक्षेपण किया गया है ?
Ans:- रिसैट-1 ( राडार इमेजिंग
सैटेलाइट ) मौसम उपग्रह
भारत की प्रमुख स्वतंत्र संस्थाओं के नाम और वर्तमान अध्यक्षों की सूची

स्टीव जॉब्स की प्रेरणादायी जीवनी



पूरा नाम – स्टीवन पॉल जॉब्स. (Steve Jobs Biography In Hindi)
जन्म – 24 फ़रवरी 1955.
मृत्यु – अक्टूबर 5, 2011 (उम्र 56)
जन्मस्थान – सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमरीका.
पिता – पॉल रेनहोल्ड जॉब्स
माता – क्लारा जॉब्स
विवाह – लोरेन पॉवेल
स्टीवन पॉल जॉब्स एक अमेरिकी उद्योगपति थे। ज्यादातर वे एप्पल इंक के सह-संस्थापक, अध्यक्ष और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) के कारण जाने जाते है। जॉब्स पिक्सर एनीमेशन स्टूडियोज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी रहे। सन् 2006 में वह दि वाल्ट डिज्नी कम्पनी के निदेशक मंडल के सदस्य भी रहे, जिसके बाद डिज्नी ने पिक्सर का अधिग्रहण कर लिया था। जॉब्स 1970 में हुई माइक्रो कंप्यूटर की क्रांति के जनक कहलाते है। उन्होंने अपने सहकर्मी स्टीव वोज्निक के साथ मिलकर एप्पल की स्थापना की. उनकी मृत्यु के कुछ समय बाद ही उनके कार्यकालिन जीवनी लेखक वाल्टर इसाकसन, ने उनके बारे में बताया की वे, “एक क्रिएटिव उद्योगपति थे जिनका परफेक्शन के प्रति जूनून और 6 व्यवसायों के तीव्र विकास: पर्सनल कंप्यूटर, एनिमेटेड मूवी, म्यूजिक, फ़ोन, टेबलेट कंप्यूटिंग और डिजिटल पब्लिशिंग सतत चलता रहा.
जाने-माने अमेरिकी उद्योगपति स्टीव जॉब्स ने संघर्ष करके जीवन में यह मुकाम हासिल किया। 24 फरवरी 1955 को केलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को में जन्मे स्टीव का जीवन जन्म से ही संघर्ष पूर्ण था, उनकी माँ अविवाहित कॉलेज छात्रा थी। और इसी कारण वे उन्हें रखना नहीं चाहती थी। और स्टीव जॉब्स को किसी अच्छे परिवार में गोद देने का फैसला कर दिया। लेकिन जो गोद लेने वाले थे उन्होंने ये कहकर मना कर दिया की वे लड़की को गोद लेना चाहते हैं। फिर स्टीव जॉब्स को केलिफोर्निया में रहने वाले पॉल और कालरा जॉब्स ने गोद ले लिया. पॉल आंड कालरा दोनों ही ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे और मध्यम वर्ग परिवार से ताल्लुक रखते थे।


स्टीव ने मोंटा लोमा स्कूल में दाखिला लिया और वही पर अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद वे आगे की पढ़ाई कूपटिर्नो जूनियर हाई स्कूल से पूरी की। इसके बाद सन 1972 में अपनी कॉलेज की पढाई के लिए ओरेगन के रीड कॉलेज में दाखिला लिया जो की वहां की सबसे महंगी कॉलेज थी। स्टीव पढने में बहुत ही ज्यादा अच्छे थे लेकिन, उनके माता-पिता पूरी फीस नहीं भर पाते थे, इसलिए स्टीव स्टीव ने फीस भरने के लिए बोतल के कोक को बेचकर पैसे जुटाते, और पैसे की कमी के कारण मंदिरों में जाकर वहा मिलने वाले मुफ्त खाना खाया करते थे। और अपने होस्टल का किराया बचाने के लिए अपने दोस्तों के कमरों में जमीन पर हि सो जाया करते थे। इतनी बचत के बावजूद फीस के पैसे पुरे नहीं जुटा पाते और अपने माता-पिता को कढ़ी मेहनत करता देख उन्होंने कॉलेज छोड़कर उनकी मदद करने की सोची. लेकिन उनके माता-पिता इस बात से सहमत नही थे अंत: उन्होने कॉलेज में नहीं जाने के स्थान पर क्रेटीव क्लासेज जाना स्वीकार किया. जल्दी ही उस काम मे स्टीव को मन लगने लगा। क्लासेस जाने के साथ-साथ वे अटारी नाम की कंपनी में टेक्नीशियन का काम भी मिल गया।
1976 में स्टीव वोजनियाक ने मेकिनटोश एप्पल 1 कंप्यूटर क आविष्कार किया। जब वोजनियाक ने यह जॉब्स को दिखाया तो जॉब्स ने इसे बेचने का सुझाव दिया, इसे बेचने के लिए वे और वोजनियाक अपने पिता के गेरेज में एप्पल कंप्यूटर का निर्माण करने लगे। पहले तो वे सर्किट बोर्ड बेचा करते थे। लेकिन पैसो की कमी के कारण समस्या आ रही थी। लेकिन उनकी ये समस्या उनके एक मित्र माइक मर्कुल्ला ने दूर कर दी साथ ही वे कंपनी में साझेदार पार्ट्नर भी बन गये, और स्टीव ने एप्पल कंप्यूटर बनाने की शुरुआत की। जॉब्स 1976 में एप्पल के सह-संस्थापक बने और एप्पल के पर्सनल कंप्यूटर बेचने लगे, एप्पल तेज़ी से आगे बढती गयी और पैसे कमाती गयी और पहले साल के अंत में ही पर्सनल कंप्यूटर बनाने वाली दूसरी कंपनी बन गयी। एप्पल इतनी बड़ी मात्र में पर्सनल कंप्यूटर का उत्पादन करने वाली पहले सबसे बड़ी कंपनी बनी। साथ ही उन्होंने अपने साथ काम करने के लिए पेप्सी, कोका कोला कंपनी के मुख्य अधिकारी जॉन स्कली को भी शामिल कर लिया।


लेकिन बीच मे आपसी मतभेदो और उनके साझेदारो द्वारा उनको ना पसंद किये जाने के कारण एप्पल कंपनी की लोकप्रियता पॉप्युलॅरिटी कम होने लगी, और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर की मीटिंग में सारे दोष स्टीव का ठहराकर सन 1985 में उन्हें एप्पल कंपनी से बाहर कर दिया। ये उनके जीवन का सबसे दुखद पल था। क्योकि जिस कंपनी को उन्होंने कढ़ी मेहनत और लग्न से बनाया था उसी से उन्हें निकाल दिया गया था। स्टीव के जाते ही कंपनी पूरी तरह कर्ज में डूब गयी।
एप्पल से इस्तीफा (Re-sine latter) देने के 5 साल बाद उन्होंने Next-ink नाम की और Pixer नाम की दो कंपनियों की शुरुआत की। Next-ink में उपयोग की जाने वाली तकनीक सबसे बाड़िया थी। और उनका उदेश्य बेहतरीन सॉफ्टवेर software बनाना था। और Pixer कंपनी में animation का काम होता था। एक साल तक काम करने के बाद पैसो की समस्या आने लगी और Rosh perot के साथ साझेदारी कर ली, और पेरोट ने अपने पैसो का निवेश किया। सन 1990 में Next-ink ने पहला कंप्यूटर बाज़ार में उतारा लेकिन बहुत ही ज्यादा महंगा होने के कारण बाजार में नहीं चल सका, फिर Next-ink ने Inter personal computer बनाया जो बहुत ही ज्यादा लोक प्रिय हुआ। और Pixer ने एनिमेटेड फिल्म Toy story बनायीं जो अब तक की सबसे बेहतरीन फिल्म हैं।

1997 में, एप्पल ने NeXT-inK को खरीद लिया, ताकि वे देश में रोजगार की निर्मिती कर सके, और इसी वजह से वे NeXT के पुनः सीईओ बने। 1997 में शुरू में उन्होंने एक नयी सोच के साथ कंप्यूटर का उत्पादन करना शुरू किया जिसे “Think Different” का नाम दिया गया। बाद में उन्होंने एप्पल के कई प्रोडक्ट्स जैसे iMac, iTunes, Apple Stores, iPod, iTunes Store iPhone, App Store और iPad का निर्माण किया. जॉब्स 1997 में कंपनी में बतौर सीईओ काम कर रहे थे, तभी 1998 में iMac बाज़ार में आया जो बड़ा ही अल्पपारदर्शी खोल वाला PC था। उनके नेतृत्व में एप्पल ने बड़ी सफलता प्राप्त की. सन 2001 में एप्पल ने iPod का निर्माण किया। फिर सन 2001 में iTunes Store का निर्माण किया। सन 2007 में एप्पल ने iPhone नामक मोबाइल फ़ोन बनाये जो बड़े ही सफल रहे, और आज भी iPhone को सबसे बड़ा ब्रांड कहा जाता है।


निजी जीवन – Personal Life :-
स्टीव आध्यात्मिक जीवन में बहुत विश्वास करते थे। इसलिए स्टीव अपने धर्म गुरु से मिलने भारत आए, जिसके कारण भारत मे उन्होने काफ़ी समय दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश मे बिताया। सात महीने भारत मे रहने के बाद वे वापस अमेरिका चले गऐ। उन्होने अपनी उपस्थिति बदल डाली, उन्होने अपना सिर मुंडा दिया और पारंपरिक भारतीय वस्त्र पहनने शुरू कर दिए, साथ ही वे जैन, बौद्ध धर्मों के गंभीर व्यवसायी भी बन गया. जॉब्स ने 1991 में लोरेन पॉवेल से शादी की थी। उनका एक बेटा है।
मृत्यु :- स्टीव को सन 2003 से पेन क्रियेटिव नाम की कैंसर की बिमारी हो गयी थी। लेकिन फिर भी वे रोज कंपनी में जाते ताकि लोगो को बेहतरीन से बेहतरीन टेक्नालजी प्रदान कर सके. और कैंसर कि बिमारी के चलते 5 अक्टूबर 2011 को पालो आलटो केलिफोर्निया में उनका निधन हो गया।



Wednesday 16 August 2017

जैन धर्म का इतिहास


दुनिया के सबसे प्राचीन धर्म जैन धर्म को श्रमणों का धर्म कहा जाता है. जैन धर्म का संस्थापक ऋषभ देव को माना जाता है, जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर थे और भारत के चक्रवर्ती सम्राट भरत के पिता थे. वेदों में प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ का उल्लेख मिलता है. माना जाता है कि वैदिक साहित्य में जिन यतियों और व्रात्यों का उल्लेख मिलता है वे ब्राह्मण परंपरा के न होकर श्रमण परंपरा के ही थे. मनुस्मृति में लिच्छवि, नाथ, मल्ल आदि क्षत्रियों को व्रात्यों में गिना है. आर्यों के काल में ऋषभदेव और अरिष्टनेमि को लेकर जैन धर्म की परंपरा का वर्णन भी मिलता है. महाभारतकाल में इस धर्म के प्रमुख नेमिनाथ थे:
(1) जैन धर्म के संस्थापक और पहले तीर्थंकर थे- ऋषभदेव.
(2) जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर थे- पार्श्वनाथ
(3) पार्श्वनाथ काशी के इक्ष्वाकु वंशीय राजा अग्रसेन के पुत्र थे.
(4) पार्श्वनाथ को 30 साल की उम्र में वैराग्य उत्पन्न हुआ, जिस कारण वो गृह त्यागकर संयासी हो गए.
(5) पार्श्वनाथ के द्वारा दी गई शिक्षा थी- हिंसा न करना, चोरी नृ करना, हमेशा सच बोलना, संपत्ति न रखना.



(6) महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हैं.
(7) महावीर का जन्म 540 ई. पू. पहले वैशाली गणतंत्र के क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था.
(8) इनके पिता राजा सिद्धार्थ ज्ञातृक कुल के सरदार थे और माता त्रिशला लिच्छिवी राजा चेटक की बहन थीं.
(9) महावीर की पत्नी का नाम यशोदा और पुत्री का नाम अनोज्जा प्रियदर्शनी था.
(10) महावीर के बचपन का नाम वर्द्धमान था.
(11) महावीर का साधना काल 12 साल 6 महीने और 15 दिन का रहा. इस अवधि में भगवान ने तप, संयम और साम्यभाव की विलक्षण साधना की. इसी समय से महावीर जिन (विजेता), अर्हत (पूज्य), निर्ग्रंध (बंधनहीन) कहलाए.
(12) महावीर ने अपना उपदेश प्राकृत यानी अर्धमाग्धी में दिया.
(13) महावीर के पहले अनुयायी उनके दामाद जामिल बने.
(14) प्रथम जैन भिक्षुणी नरेश दधिवाहन की बेटी चंपा थी.
(15) महावीर ने अपने शिष्यों को 11 गणधरों में बांटा था.


(16) आर्य सुधर्मा अकेला ऐसा गंधर्व था जो महावीर की मृत्यु के बाद भी जीवित रहा.
(17) जैन धर्म दो भागों में विभाजित है- श्वेतांबर जो सफेद कपड़े पहनते हैं और दिगंबर जो नग्नावस्था में रहते हैं.
(18) भद्रबाहु के शिष्य दिगंबर और स्थूलभद्र के शिष्य श्वेतांबर कहलाए.
(19) दूसरी जैन सभा 512 में वल्लभी गुजरात में हुई.
(20) जैन धर्म के त्रिरत्न हैं- सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक आचरण.
(21) जैन धर्म में ईश्वर नहीं आत्मा की मान्यता है.
(22) महावीर पुनर्जन्म और कर्मवाद में विश्वास रखते थे.
(23) जैन धर्म ने अपने आध्यात्मिक विचारों को सांख्य दर्शन से ग्रहण किया.
(24) जैन धर्म को मानने वाले राजा थे- उदायिन, वंदराजा, चंद्रगुप्त मौर्य, कलिंग नरेश खारवेल, राजा अमोघवर्ष, चंदेल शासक.


(25) मौर्योत्तर युग में मथुरा जैन धर्म का प्रसिद्ध केंद्र था.
(26) जैन तीर्थंकरों की जीवनी कल्पसुत्र में है.
(27) जैन तीर्थंकरों में संस्कृत का अच्छा विद्वान नयनचंद्र था.
(28 ) मथुरा कला का संबंध जैन धर्म से है.
(29) 72 साल में महावीर की मृत्यु 468 ई. पू. में बिहार राज्य के पावापुरी में हुई थी.
(30) मल्लराजा सृस्तिपाल के राजप्रसाद में महावीर को निर्वाण प्राप्त हुआ था

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Saturday 12 August 2017

SOME IMPORTANT HISTORY QUE - PART- I



1. मयूर सिंहासन किसने बनवाया था ?►-शाहजहां
2. मयूर सिंहासन को बनाने वाले कलाकार का क्या नाम था ?►-बादल खां
3. शाहजहां के बचपन का नाम क्या था ?►-खुर्रम
4. शाहजहां की बेगम का क्या नाम था ?►-मुमताज
5. शाहजहां की माता का क्या नाम था ?►-ताज बीबी बीलकीस मकानी (Taj Bibi Bilqis Makani )
6. मुमताज महल के नाम से मशहूर होने से पहले शाहजहां की बेगम को किस नाम से पुकारा जाता था ?►-अर्जुमंदबानो
7. जहांगीर के सबसे छोटे बेटे शहरयार की शादी किसके साथ हुई थी ?►-नूरजहां के पहले पति से उत्पन्न पुत्री से ।
8. शाहजहां ने किसकी सहायता से राजगद्दी हासिल की ?►-असाफ खां
9. शाहजहां के समय कौन-सी जगह मुगल के हाथ से निकल गई ?►-कंधार
10. शाहजहां ने आगरा से अपनी राजधानी कहां परिवर्तित की ?►-शाहजहांनाबाद (पुरानी दिल्ली)
11. लाल किला और किला-ए-मुबारक का निर्माण किसने करवाया ?►-शाहजहां
12. शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल का मकबरा कहां बनवाया ?►-आगरा
13. मुमताज महल के मकबरे को किस नाम से जानते हैं ?►-ताजमहल
14. ताजमहल के निर्माण में कितना समय लगा ?►-बीस साल
15. ताजमहल का निर्माण कार्य कब शुरू किया गया था ?►-1632 ई. में ।
16. ताजमहल के वास्तुविद कौन थे ?►-उस्ताद ईशा खां और उस्ताद अहमद लाहौरी ।
17. ताजमहल को बनाने में इस्तेमाल किया गया संगमरमर कहां से लाया गया था ?►-मकराना (राजस्थान)
18. आगरा का मोती मस्जिद किसने बनवाया ?►-शाहजहां
19. शाहजहां के समय आने वाले फ्रांसीसी का नाम क्या था ?►-फ्रांसिस बर्नियर और टवर्नियर
20. शाहजहां के दरबार में संस्कृत के कौन-से पंडित मौजूद थे ?►-कबीन्द्र आचार्य सरस्वती और जगन्नाथ पंडित
21. कवि जगन्नाथ पंडित ने किसकी रचना की थी ?►-रसगंगाधर तथा गंगालहरी
22. किसने उपनिषदों का अनुवाद फारसी में करवाया था ?►-दारा शिकोह
23. उपनिषदों का फारसी अनुवाद किस नाम से करवाया गया ?►-सर्र-ए-अकबर!

विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची-All In One

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विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची: (World’s Countries, Capitals & Currencies List in Hindi)
मुद्रा किसे कहते है?
मुद्रा की परिभाषा: मुद्रा (Currency, करन्सी) पैसे के उस रूप को कहते हैं जिससे दैनिक जीवन में सभी प्रकार की वस्तुअो और सामानों की ख़रीद और बिक्री होती है। इसमें सिक्के और काग़ज़ के नोट दोनों आते हैं। किसी देश में प्रयोग की जाने वाली मुद्रा उस देश की सरकारी व्यवस्था द्वारा बनाई जाती है।
मुद्रा के प्रकार (Types of Money):


1. वास्तविक मुद्रा (Proper Money): किसी देश में वास्तव में प्रचलित मुद्रा अर्थात् दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाली मुद्रा ही वास्तविक मुद्रा कहलाती है। यही मुद्रा देश में विनिमय के माध्यम तथा सामान्य मूल्य मापक के रूप में प्रचलित होती है। इसे यथार्थ मुद्रा या साधारण मुद्रा भी कहा जाता है। उदाहरणः भारत में प्रचलित नोट तथा सिक्के वास्तविक मुद्रा के उदाहरण हैं।
2. ऐच्छिक मुद्रा (Optional Money): यह वह मुद्रा होती है जिसे भुगतान के रूप में स्वीकार करना अथवा ना करना पूर्णता भुगतान प्राप्तकर्ता की इच्छा पर निर्भर करता है अर्थात् इस मुद्रा को भुगतान के रूप में स्वीकार करने के लिए वैधानिक रूप से बाध्य नहीं किया जा सकता। उदाहरणः हुण्डी, प्रतिज्ञा पत्र, विनिमय पत्र।

यहां पर विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची की सूची दी गई हैं। सामान्यतः इस सूची से सम्बंधित कई प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे: आईएएस, शिक्षक, यूपीएससी, पीसीएस, एसएससी, बैंक, एमबीए एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपको विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं के बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

Also Read:-नदियों के किनारे बसे विश्व के प्रमुख शहरों के नाम और सम्बंधित देश

विश्व के प्रमुख देश, राजधानी एवं उनकी मुद्राओं की सूची:
देश राजधानी
एशिया
भारत दिल्ली
पाकिस्तान इस्लामाबा
नेपाल कांठमांडू
श्रीलंका श्री जयवर्धनापुरकोट्टी
बांग्लादेश ढाका
भूटान थिम्पू
म्यांमार नेपयिडाव
अफ़ग़ानिस्तान काबुल
चीन बीजिंग
मंगोलिया उलानबटोर
जापान टोक्यो
ताइवान ताइपे
थाईलैंड बैंकॉक
वियतनाम हनोई
कम्बोडिया नाम पेन्ह
उतरी कोरिया प्योंगयांग
दक्षिण कोरिया सियोल
हॉंग कांग विक्टोरिय
फिलीपींस मनीला
सिंगापुर सिंगापुर
Also Read:-World War - II , A Note for UPSC Aspirants.

इंडोनेशिया जकार्ता
मलेशिया क्वालालम्पु
ईरान तेहरान
इराक बगदाद
तुर्की अंकारा
संयुक्त अरब अमीरात आबूधाबी
सऊदी अरब रियाद
कुवैत कुवैत सिटी
सीरिया दमिश्क
लेबनान बेरुत
कजाकिस्तान अस्ताना
जॉर्डन अम्मान
इजरायल जेरुसलम
क़तर दोहा
मिस्र काहिरा
दक्षिण अफ्रीका प्रिटोरिय
लीबिया हूँ (त्रिपोल
मोरक्को रबात
नाइजीरिया लागोस
अंगोला लुआंडा
नामीबिया विंडहॉक
सूडान खारतूम
दक्षिणी सूडान जुबा
कांगो किंशासा
सोमलिया मोगादिश
सेशेल्स विक्टोरिय
इथोपिया अदिस अबा
युगांडा कम्पाला
बोत्सवाना गेबोरोन
कीनिया नैरोबी
मोरिशस पोर्ट लुइस
तंजानिया दारेस्सलाम
जाम्बिया लुसाका
अल्जीरिया अल्जीयर्स
रवांडा केगाली
जिम्बाब्वे हरारे
सेनेगल डकार
बुर्किनाफासो क्वागदौगो
कांगो ब्राजविले
माली बमाको
मोजाम्बिक मपूतो


इसे पढि————जर्मनी में नाजीवाद————

यूरोप
ग्रीस एथेंस
बेल्जियम ब्रुसेल्स
डेनमार्क कोपेनहेगन
फ्रांस पेरिस
स्पेन मेड्रिड
पुर्तगाल लिस्बन
इटली रोम
बुल्गारिया सोफिया
ग्रेट ब्रिटेन लन्दन
रूस मास्को
पोलैंड वारसा
हंगरी बुडापेस्ट
नॉर्वे ओस्लो
जर्मनी बर्लिन
नीदरलैंड एम्स्टरडम
चेक गणराज्य प्राग
स्वीडन स्टॉकहोम
स्विट्ज़रलैंड बर्न
यूक्रेन कीव
जॉर्जिया तिब्लिसी
साइप्रस निकसिया
ऑस्ट्रिया वियना
स्लोवाक गणराज्य ब्रातिस्ला
रोमानिया बुखारेस्ट
आयरलैंड डबलिन

Also Read:- वर्ष 2016 से 2023 तक होने वाली 20 राष्ट्रीय व विश्व स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताएँ की सूची इस प्रकार है–


उतरी अमेरि एवं कैस्पियन सागर के देश
संयुक्त राज्य अमेरिका वांशिगटन
कनाडा ओटावा
मैक्सिको मैक्सिको सिटी
क्यूबा हवाना
ग्रीनलैंड रुक (गड्याव)
पनामा पनामा सि
बारबाडोस ब्रिजटाउन
अलसल्वाडोर सान सल्वाडोर
हैती पोटओ प्रिंस
जमैका किंग्स्टन
त्रिनिदाद एंड टोबैगो पोर्ट ऑफ़ स्पे
दक्षिण अमेरिका
अर्जेंटीना ब्यूनस आयर्स
ब्राजील ब्रासीलिय
चिली सेंटियागो
कोलम्बिया बोगोटा
फ्रेंच गुयाना कोयेन्ने
पराग्वे असंस्यान
पेरू लीमा
उरुग्वे मोंटेवीडिय
वेनेजुएला कराकस
ऑस्ट्रेलिया कैनबरा
फिजी सूवा
न्यूजीलैंड वेलिंग्टन
सामोआ अपिया
तंजानिया डोडोमा
बहरीन मनामा

नोट: प्रिय पाठकगण यदि आपको इस पोस्ट में कंही भी कोई त्रुटि (गलती) दिखाई दे, तो कृपया कमेंट के माध्यम से उस गलती से हमे अवगत कराएं, हम उसको तुरंत सही कर देंगे।







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विश्व के इतिहास में हुई प्रथम महत्वपूर्ण घटनाओं की सूची

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विश्व में प्रथम महत्वपूर्ण घटनाओं की सूची: (First in World Major Events in History in Hindi)
यहां पर विश्व इतिहास में हुई प्रथम महत्वपूर्ण घटनाओं की सूची दी गयी है, जिन्होंने विश्व में सबसे पहले अपना प्रभुत्व स्थापित किया है। विश्व के पुरुषों ने इतिहास के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे:- इतिहास, समाजशास्त्र, साहित्य, खेल, राजनीति, पुरस्कार और सम्मान , मनोरंजन, क्षेत्रों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।

 विश्व में महत्वपूर्ण घटनाओं के आधार पर हर परीक्षा में कुछ प्रश्न अवश्य पूछे जाते है, इसलिए यह आपकी सभी प्रकार की परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जाने विश्व में प्रथम 24 महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में:-
विश्व में प्रथम महत्वपूर्ण घटनाएँ: ( विभिन्न वर्गों में):
विश्व में प्रथम महत्वपूर्ण घटनाएँ देश और तथ्य नाम
जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) लागू करने वाला विश्व का प्रथम देश फ्रांस
विश्व की पहली पटरी रहित ट्रेन की शुरुआत वाला प्रथम देश चीन
आधुनिक ओलम्पिक खेलो का आयोजन करने वाला प्रथम देश यूनान
एफएम रेडियो बंद करने वाला विश्व का पहला देश नार्वे
कागजी मुद्रा जारी करने वाला प्रथम देश चीन
कृत्रिम उपग्रह को अन्तरिक्ष में प्रक्षेपण करने वाला प्रथम देश रूस
गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के प्रथम सम्मलेन का आयोजन स्थल बेलग्रेड
चंद्रमा पर मानव भेजने वाला प्रथम देश संयुक्त राज्य अमेरिका
धातु के खनन पर प्रतिबंध लगाने वाला दुनिया का पहला देश बना एल साल्वाड (अप्रैल 2017)
धूम्रपान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश भूटान
नक्शा बनाने वाला विश्व का पहला देश सुमेरिया
प्रथम नगर जिस पर परमाणु बम गिराया गया हिरोशिम
प्रथम फुटबाल विश्व कप जीतने वाला देश उरुग्वे
बैंक नोट जारीकर्ता प्रथम देश स्वीडन
ब्रिटेन का प्रथम प्रधानमंत्री रॉबर्ट वालपोल
भूमिगत मेट्रो रेलवे प्रारंभकर्ता प्रथम देश ब्रिटेन



मंगल ग्रह पर उतरने वाला प्रथम अन्तरिक्ष यान वाइकिंग-1
राष्ट्रगान प्रारंभ करने वाला पहला देश जापान
विश्व का प्रथम धर्म सनातन (वैदि धर्म
विश्व का प्रथम रेडियो उपग्रह प्रक्षेपित करने वाला देश जापान
विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय तक्षशिला विश्वविद्य (भारत)
संविधान निर्माण करने वाला प्रथम देश संयुक्त राज्य अमेरिका
सर्वाधिक पशुओ वाला देश भारत
सिविल सेवा प्रारंभ करने वाला पहला देश चीन

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Swami Vivekananda : Life and Teachings

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Swami Vivekananda, known in his pre-monastic life as
Narendra Nath Datta , was born in an affluent family in Kolkata on 12 January 1863. His father, Vishwanath Datta , was a successful attorney with interests in a wide range of subjects, and his mother, Bhuvaneshwari Devi , was endowed with deep devotion, strong character and other qualities. A precocious boy, Narendra excelled in music, gymnastics and studies. By the time he graduated from Calcutta University, he had acquired a vast knowledge of different subjects, especially Western philosophy and history. Born with a yogic temperament, he used to practise meditation even from his boyhood, and was associated with Brahmo Movement for some time.



With Sri Ramakrishna
At the threshold of youth Narendra had to pass through a period of spiritual crisis when he was assailed by doubts about the existence of God. It was at that time he first heard about Sri Ramakrishna from one of his English professors at college. One day in November 1881, Narendra went to meet Sri Ramakrishna who was staying at the Kali Temple in
Dakshineshwar . He straightaway asked the Master a question which he had put to several others but had received no satisfactory answer: “Sir, have you seen God?” Without a moment’s hesitation, Sri Ramakrishna replied: “Yes, I have. I see Him as clearly as I see you, only in a much intenser sense.”
Apart from removing doubts from the mind of Narendra, Sri Ramakrishna won him over through his pure, unselfish love. Thus began a guru-disciple relationship which is quite unique in the history of spiritual masters. Narendra now became a frequent visitor to Dakshineshwar and, under the guidance of the Master, made rapid strides on the spiritual path. At Dakshineshwar, Narendra also met several young men who were devoted to Sri Ramakrishna, and they all became close friends.



Difficult Situations
After a few years two events took place which caused Narendra considerable distress. One was the sudden death of his father in 1884. This left the family penniless, and Narendra had to bear the burden of supporting his mother, brothers and sisters. The second event was the illness of Sri Ramakrishna which was diagnosed to be cancer of the throat. In September 1885 Sri Ramakrishna was moved to a house at Shyampukur, and a few months later to a rented villa at Cossipore. In these two places the young disciples nursed the Master with devoted care. In spite of poverty at home and inability to find a job for himself, Narendra joined the group as its leader.


Sri Ramakrishna instilled in these young men the spirit of renunciation and brotherly love for one another. One day he distributed ochre robes among them and sent them out to beg food. In this way he himself laid the foundation for a new monastic order. He gave specific instructions to Narendra about the formation of the new monastic Order. In the small hours of 16 August 1886 Sri Ramakrishna gave up his mortal body.
After the Master’s passing, fifteen of his young disciples (one more joined them later) began to live together in a dilapidated building at
Baranagar in North Kolkata. Under the leadership of Narendra, they formed a new monastic brotherhood, and in 1887 they took the formal vows of sannyasa, thereby assuming new names. Narendra now became Swami Vivekananda (although this name was actually assumed much later.)


Awareness of Life’s Mission
After establishing the new monastic order, Vivekananda heard the inner call for a greater mission in his life. While most of the followers of Sri Ramakrishna thought of him in relation to their own personal lives, Vivekananda thought of the Master in relation to India and the rest of the world. As the prophet of the present age, what was Sri Ramakrishna’s message to the modern world and to India in particular? This question and the awareness of his own inherent powers urged Swamiji to go out alone into the wide world. So in the middle of 1890, after receiving the blessings of Sri Sarada Devi, the divine consort of Sri Ramakrishna, known to the world as Holy Mother, who was then staying in Kolkata, Swamiji left Baranagar Math and embarked on a long journey of exploration and discovery of India.
Discovery of Real India
During his travels all over India, Swami Vivekananda was deeply moved to see the appalling poverty and backwardness of the masses. He was the first religious leader in India to understand and openly declare that the real cause of India’s downfall was the neglect of the masses. The immediate need was to provide food and other bare necessities of life to the hungry millions. For this they should be taught improved methods of agriculture, village industries, etc. It was in this context that Vivekananda grasped the crux of the problem of poverty in India (which had escaped the attention of social reformers of his days): owing to centuries of oppression, the downtrodden masses had lost faith in their capacity to improve their lot. It was first of all necessary to infuse into their minds faith in themselves. For this they needed a life-giving, inspiring message. Swamiji found this message in the principle of the Atman, the doctrine of the potential divinity of the soul, taught in Vedanta, the ancient system of religious philosophy of India. He saw that, in spite of poverty, the masses clung to religion, but they had never been taught the life-giving, ennobling principles of Vedanta and how to apply them in practical life.



Thus the masses needed two kinds of knowledge: secular knowledge to improve their economic condition, and spiritual knowledge to infuse in them faith in themselves and strengthen their moral sense. The next question was, how to spread these two kinds of knowledge among the masses? Through education – this was the answer that Swamiji found.
Need for an Organization
One thing became clear to Swamiji: to carry out his plans for the spread of education and for the uplift of the poor masses, and also of women, an efficient organization of dedicated people was needed. As he said later on, he wanted “to set in motion a machinery which will bring noblest ideas to the doorstep of even the poorest and the meanest.” It was to serve as this ‘machinery’ that Swamiji founded the
Ramakrishna Mission a few years later.
Decision to attend the Parliament of Religions
It was when these ideas were taking shape in his mind in the course of his wanderings that Swami Vivekananda heard about the World’s Parliament of Religions to be held in Chicago in 1893. His friends and admirers in India wanted him to attend the Parliament. He too felt that the Parliament would provide the right forum to present his Master’s message to the world, and so he decided to go to America. Another reason which prompted Swamiji to go to America was to seek financial help for his project of uplifting the masses.
Swamiji, however, wanted to have an inner certitude and divine call regarding his mission. Both of these he got while he sat in deep meditation on the rock-island at Kanyakumari. With the funds partly collected by his Chennai disciples and partly provided by the Raja of Khetri, Swami Vivekananda left for America from Mumbai on 31 May 1893.



The Parliament of Religions and After
His speeches at the World’s Parliament of Religions held in September 1893 made him famous as an ‘orator by divine right’ and as a ‘Messenger of Indian wisdom to the Western world’. After the Parliament, Swamiji spent nearly three and a half years spreading Vedanta as lived and taught by Sri Ramakrishna, mostly in the eastern parts of USA and also in London.
Awakening His Countrymen
He returned to India in January 1897. In response to the enthusiastic welcome that he received everywhere, he delivered a series of lectures in different parts of India, which created a great stir all over the country. Through these inspiring and profoundly significant lectures Swamiji attempted to do the following:
to rouse the religious consciousness of the people and create in them pride in their cultural heritage;
to bring about unification of Hinduism by pointing out the common bases of its sects;
to focus the attention of educated people on the plight of the downtrodden masses, and to expound his plan for their uplift by the application of the principles of Practical Vedanta.




Founding of Ramakrishna Mission
Soon after his return to Kolkata, Swami Vivekananda accomplished another important task of his mission on earth. He founded on 1 May 1897 a unique type of organization known as Ramakrishna Mission, in which monks and lay people would jointly undertake propagation of Practical Vedanta, and various forms of social service, such as running hospitals, schools, colleges, hostels, rural development centres etc, and conducting massive relief and rehabilitation work for victims of earthquakes, cyclones and other calamities, in different parts of India and other countries.
Belur Math
In early 1898 Swami Vivekananda acquired a big plot of land on the western bank of the Ganga at a place called Belur to have a permanent abode for the monastery and monastic Order originally started at Baranagar, and got it registered as Ramakrishna Math after a couple of years. Here Swamiji established a new, universal pattern of monastic life which adapts ancient monastic ideals to the conditions of modern life, which gives equal importance to personal illumination and social service, and which is open to all men without any distinction of religion, race or caste.
Disciples
It may be mentioned here that in the West many people were influenced by Swami Vivekananda’s life and message. Some of them became his disciples or devoted friends. Among them the names of Margaret Noble (later known as Sister Nivedita ), Captain and Mrs Sevier, Josephine McLeod and Sara Ole Bull , deserve special mention. Nivedita dedicated her life to educating girls in Kolkata. Swamiji had many Indian disciples also, some of whom joined Ramakrishna Math and became sannyasins




Last Days
In June 1899 he went to the West on a second visit. This time he spent most of his time in the West coast of USA. After delivering many lectures there, he returned to Belur Math in December 1900. The rest of his life was spent in India, inspiring and guiding people, both monastic and lay. Incessant work, especially giving lectures and inspiring people, told upon Swamiji’s health. His health deteriorated and the end came quietly on the night of 4 July 1902. Before his Mahasamadhi he had written to a Western follower: “It may be that I shall find it good to get outside my body, to cast it off like a worn out garment. But I shall not cease to work. I shall inspire men everywhere until the whole world shall know that it is one with God.”

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